आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "zikr e khair yusuf nazim ebooks"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "zikr e khair yusuf nazim ebooks"
ग़ज़ल
ये ख़ुशी क्या है कि है ज़िक्र हमारा होता
होते हम और हमें बात का यारा होता
सय्यद यूसुफ़ अली खाँ नाज़िम
ग़ज़ल
क़ाज़ी के मुँह पे मारी है बोतल शराब की
ये उम्र भर में एक हुई है सवाब की
सय्यद यूसुफ़ अली खाँ नाज़िम
ग़ज़ल
दिल पुकारा तिरा एहसाँ सितम-आरा होता
था जहाँ दर्द वहीं तीर भी मारा होता
सय्यद अहमद हुसैन शफ़ीक़ लखनवी
ग़ज़ल
ख़ैर-सल्ला से नसीम-ए-सहरी घर जावे
कर के ज़िक्र-ए-रुख़-ए-गुल क्यूँ मुझे पिटवाती है
मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी
ग़ज़ल
मिल जाएँ इज़िदहाम में हम ही ये हम से दूर
इक घर जुदा बनाएँगे दैर-ओ-हरम से दूर