आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "'kautilya'"
नज़्म के संबंधित परिणाम "'kautilya'"
नज़्म
सुना है 'भर्तृहरि' भी इन्हीं से खेला था
'भरत' 'अगस्त्य' 'कपिल' 'व्यास' 'पाशी' 'कौटिल्य'
फ़िराक़ गोरखपुरी
नज़्म
हज़ारों साल गुज़रे फिर भी जब आती है दीवाली
महल हो चाहे कुटिया सब पे छा जाती है दीवाली
नज़ीर बनारसी
नज़्म
मुझे उस वक़्त 'अरशद' क्यों मिरी माँ याद आती है
किसी कुटिया में देखूँ जब किसी लाचार औरत को
अरशद महमूद अरशद
नज़्म
घर नहीं झोंपड़ी नहीं कुटिया नहीं मकाँ नहीं
बैठे हैं जंगलों में हम कोई हमें भगाए क्यों