aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
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मोरी अर्ज सुनो दस्त-गीर पीरमाई री कहूँ कासे मैं
तंज़ आवाज़ा बरहमी इफ़्सादता'न तशनीअ' मज़हका ईराद
इर्द-गर्द सेपरछाईं की तरह गुज़रता चला गया)
जब मेरे इर्द-गिर्द गिर्या-ए-वहशत तारी थाऔर मुझे बताया जा रहा था
हमारे इर्द-गिर्द की हर एक शय सवाल हैउन उँगलियों की पोर पोर साहब-ए-कमाल है
अर्ज मेंतेरे नाम का सिक्का ढलता है
एक वहशत-नाक भीड़ थी मेरे इर्द-गिर्दमगर मैं इस भीड़ में होते हुए भी
अपने इर्द-गर्द हर अच्छी बुरी हक़ीक़त का हिस्सा हूँमैं सर-ता-पा मोम हूँ
तुम और मैंअपने पैरों के इर्द-गिर्द
तब्दील करना चाहता हूँउसे अपने इर्द-गर्द
कि उस के इर्द-गिर्द दूर दूर तककोई मकान उस से बढ़ के था नहीं
पूरे कुँबे का जुग़राफ़ियाअपने इर्द-गिर्द समेटे
ये मेरे इर्द-गिर्द तुम्हारी परछाइयाँ हैंया.....
एक मैं ही नहींयहाँ मेरे इर्द-गर्द
लेकिन हमारी ख़ामोशी ने उन को बढ़ावा दियाये हमारे इर्द-गर्द उदासी का दायरा
किसी मज़लूम के जो इर्द-गिर्द ऐसे खड़ेतस्वीर खिंचवाता है ज़ालिम है
मेरी चारपाई के नीचेनीम रौशन लैम्प के इर्द-गिर्द
ट्रैफ़िक लाइट के इर्द-गर्द था उस का जीवनवो भी उस ने नहीं चुना था
मिरे वजूद का मकानख़ार-दार तार का हिसार जिस के इर्द-गिर्द
रोज़ एक दायरा अपने इर्द-गिर्द खींचती हूँ और इस दाएरेके आगे एक और दायरा फिर एक और
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