आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "ارشد"
नज़्म के संबंधित परिणाम "ارشد"
नज़्म
मुझे उस वक़्त 'अरशद' क्यों मिरी माँ याद आती है
किसी कुटिया में देखूँ जब किसी लाचार औरत को
अरशद महमूद अरशद
नज़्म
शीला ने अरशद की ले ली जा के हाथ में कलाई
फिर ये बोली रक्षा-बंधन आज ही है मिरे भाई