आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "بعید_وہم_و_خواب"
नज़्म के संबंधित परिणाम "بعید_وہم_و_خواب"
नज़्म
ख़्वाब-ए-ख़स-ख़ाना-ओ-बरफ़ाब के पीछे पीछे
गर्मी-ए-शहर-ए-मुक़द्दर के सताए हुए लोग
इफ़्तिख़ार आरिफ़
नज़्म
दीदा-ए-अफ़्लाक ने देखे बहुत इंक़िलाब
अहद-ए-कुहन के निशाँ महव हुए मिस्ल-ए-ख़्वाब
ज़फ़र अहमद सिद्दीक़ी
नज़्म
हज़ार साला मसाफ़त ख़याल-ओ-वहम-ओ-गुमाँ की
और इस के बाद भी पिन्हाँ शुआ'-ए-लम-यज़ली है
शफ़ीक़ फातिमा शेरा
नज़्म
आँधियाँ आसमानों का नौहा ज़मीं को सुनाती हैं
अपनी गुलू-गीर आवाज़ में कह रही हैं,
सज्जाद बाक़र रिज़वी
नज़्म
है जहान-ए-गुज़राँ ख़्वाब का बिल्कुल नक़्शा
दीदा-ए-हज़रत-ए-इंसाँ के लिए धोका सा
सूरज नारायण मेहर
नज़्म
ज़िंदगी बहती रही आब-ए-रवाँ की मानिंद
कभी हल्की सी कभी ख़्वाब-ए-गिराँ की मानिंद