aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "بیت"
जिस उम्र के ख़्वाब ख़याल हुएवो पिछली उम्र थी बीत गई
वो कब मेरी बात सुनेंगेमुझ से कहेंगे
कि जब मैं बीत जाऊँगाअजीब आदमी था वो
याद की राहगुज़र जिस पे इसी सूरत सेमुद्दतें बीत गई हैं तुम्हें चलते चलते
मगर अब भीबहुत से आश्ना ना-आश्ना हमदम
हमेशा देर कर देता हूँ मैं हर काम करने मेंज़रूरी बात कहनी हो कोई वा'दा निभाना हो
मुद्दतें बीत गईंतुम नहीं आईं अब तक
शब बीत गई है तो गुज़र जाएगा दिन भीहर लहज़ा जो गुज़री वो हिकायत न करेंगे
देख के अपना हाल हुआ फिर उस को बहुत मलालअरे मैं बुढ़िया हो जाऊँगी आया न था ख़याल
मुल्क वाले बहुत से काम आएजो बचे वो ग़ुलाम कहलाए
तू ही कुछ बात कर ऐ मेरे धड़कते हुए दिलतू ही इक मेरा सहारा है मिरा मूनिस है
गुज़री बात सदी या पल हो गुज़री बात है नक़्श-बर-आबये रूदाद है अपने सफ़र की इस आबाद ख़राबे में
वो इस लिए मुझ को भाते हैंदिन बीते याद दिलाते हैं
चाँद तो देख लिया मैं ने बहुत साफ़ सा थाअपने चंदा को दिखाऊँ तो दिखाऊँ कैसे
जो समाँ बीत जाए पलटता नहींजाने वाले नहीं लौटते उम्र भर
कितनी सदियाँ बीत गई हैंअब जा कर ये भेद खुला है
اس بيت کا يہ مصرع اول ہے کہ جس ميں پوشيدہ چلے آتے ہيں توحيد کے اسرار
चार एशारिया बिलियन सालों की उम्र तो बीत चुकी हैकितनी देर लगा दी तुम ने आने में
चिट्ठी गुम हुए तो अर्सा बीत चुकामोहर लगा बस मटियाला सा
खिल गए साज़ में नग़्मों के महकते हुए फूललोग चिल्लाए कि फ़रियाद के दिन बीत गए
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books