aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "بے_ردائی"
मुझे अपनी बे-रिदाई का ग़म नहींकि मेरे बच्चे अपनी जेबों में शो'ले भर रहे हैं
ज़ैनब की बे-रिदाई ने सर मेरा ढक दियाआग़ाज़-ए-सुब्ह-ए-नौ हुई वो शाम शाम की
बे-रियाई उन्डेलो इस मेंकरो बे-लौस वफ़ाओं का अरक़ शामिल
उन के मस्लक में बे-रियाई हैउन की रिंदी में पारसाई है
तसन्नो' से नफ़रत है मेरे क़लम को‘अलामत मिरे शे'र की बे-रियाई
चीर कर दिल को जो निकलती हैबे-रियाई ख़ुलूस लुत्फ़-ओ-करम
बे-रियाई हो जहाँ के बसने वालों का शिआ'रऔर मोहब्बत में सदाक़त हो जहाँ मेरे लिए
बे-नफ़स बे-रिदा-ए-तार-ए-हयातहम बरहना हयूले क्या घूमें
نسيمانجم کي فضا تک نہ ہوئي ميري رسائي
बस इतना जानता हूँफ़िक्र से रिहाई का
کہيں سجادہ و عمامہ رہزن کہيں ترسا بچوں کي چشم بے باک!
एक रौशनीबे-हद शफ़्फ़ाफ़
मेरे कमरे की खिड़की के बाहर हवा चीख़ती हैबड़ा शोर है
आँख वा थीहोंट चुप थे
इक रिदा-ए-यख़ हवा ने ओढ़ ली थीजबीं ख़ामोश सज्दे बे-ज़बाँ थे
बराह-ए-रास्त जो उतरे थे आसमाँ से हुरूफ़जवाज़ बन न सके तर्जुमान बन न सके
आश्नाई गईदिलरुबाई गई
ख़ाली आँखों का मकान महँगा हैमुझे मिट्टी की लकीर बन जाने दो
नहीं ये बस्तियाँ वीराँ नहींअब भी यहाँ कुछ लोग रहते हैं
बे-बस आरज़ूओं सेदर्द की रसाई तक
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