aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "جانور"
जो बात मुझ में है तुझ को वो है नसीब कहाँभला पहाड़ कहाँ जानवर ग़रीब कहाँ!
जानवर ज़ब्ह किए इतने कि ख़ूँ की लहरेंपाँव से उठ के कमर तक आईं
तो हर रोज़ पर्ची निकाला करेंकि हर रोज़ बस एक ही जानवर
अचानक जब तुम्हारी याद के वहशी जानवर आवाज़ देते हैंमैं डरता हूँ
हज़ारों फुदकने लगे जानवरनिकल आए गोया कि मिट्टी के पर
अब क्यूँ शरीक-ए-हल्क़ा-ए-नौ-ए-बशर नहींइंसान ही तो हैं ये कोई जानवर नहीं
आदमी और जानवर और घर मुज़य्यन और मशीनफूल और सब्ज़ा चमक और रौशनी रेल और तार
अज़ाँ पर अज़ाँ मुर्ग़ देने लगाख़ुशी से हर इक जानवर बोलता है
इन मज़ालिम पर भी तू सरशार है मदहोश हैमस्जिदों में जानवर बंधते हैं तू ख़ामोश हैं
گيند ہے تيري کہاں ، چيني کي بلي ہے کد ھر؟ وہ ذرا سا جانور ٹوٹا ہوا ہے جس کا سر
शेर जंगल में है उदास बहुतजानवर कम हैं और घास बहुत
फ़र्ज़ करो कि सारे जानवर बात भी करते हम सेउन के जो जी में आ जाता कह देते एक दम से
जिन कोमुरदार-ख़ोर पेट भरे जानवर
जा रहा है जानवर की तरह घबराता हुआहाँफता गिरता लरज़ता ठोकरें खाता हुआ
तुझ पे मुँह डाले जो कोई जानवरउस की ली जाती है डंडे से ख़बर
बाहर आओआज परिंदे और जानवर
हैं जानवर हमेशाइंसाँ के काम आते
कोई हो इंसान या हैवान होजानवर हो या कोई बे-जान हो
वक़्त-ए-गर्दां की मुसलसल टिक टिकजानवर कीड़े मकोड़े हशरात
और जानवर और परिंदेवो क्या करते हैं
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