आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "جن_سنگھی"
नज़्म के संबंधित परिणाम "جن_سنگھی"
नज़्म
आज वो दिन है कि जिस दिन के लिए थे ख़ूँ बहे
चंद्र-शेखर और भगत-सिंह और फिर गाँधी के ख़ून
ख़याल अंसारी
नज़्म
जो फ़र्क़ समझते हैं अब तक हिन्दी सिंधी पंजाबी में
इन अक़्ल के पूरे लोगों से लड़ने की हिमाक़त कौन करे
अबुल फ़ितरत मीर ज़ैदी
नज़्म
ये प्यारी उर्दू कि जिस का नहीं है कोई बदल
हसीन ऐसी है जैसे जमाल-ए-ताज-महल
असद अहमद मुजद्ददी असद
नज़्म
वो परस्तारान-ए-आज़ादी शहीदान-ए-वतन
ज़ीनत-ए-हिन्दोस्ताँ होना था जिन का बाँकपन