आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "جھمک"
नज़्म के संबंधित परिणाम "جھمک"
नज़्म
सब अब्रन तन पर झमक रहा और केसर का माथे टीका
हँस देना हर-दम नाज़-भरा दिखलाना सज-धज शोख़ी का
नज़ीर अकबराबादी
नज़्म
कुछ मुखड़ा करता दमक दमक कुछ अबरन करता झलक झलक
जब पाँव रखा ख़ुश-वक़्ती से तब पाइल बाजी झनक झनक
नज़ीर अकबराबादी
नज़्म
अख़्तर शीरानी
नज़्म
जिन के सर मुंतज़िर-ए-तेग़-ए-जफ़ा हैं उन को
दस्त-ए-क़ातिल को झटक देने की तौफ़ीक़ मिले
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नज़्म
तेरे होंटों पे तबस्सुम की वो हल्की सी लकीर
मेरे तख़्ईल में रह रह के झलक उठती है
साहिर लुधियानवी
नज़्म
वो मेरी आँखों पर झुक कर कहती है ''मैं हूँ''
उस का साँस मिरे होंटों को छू कर कहता है ''मैं हूँ''
मुनीर नियाज़ी
नज़्म
हर आह है ख़ुद तासीर यहाँ हर ख़्वाब है ख़ुद ताबीर यहाँ
तदबीर के पा-ए-संगीं पर झुक जाती है तक़दीर यहाँ