aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "خانساماں"
कोई बैरा न कोई बटलर न कोई मामाँ-शामाँकोई गेराज न कोई कार कोई ड्राईवर न ख़ानसामाँ
जैसे कोई ख़ानसामाँप्याज़ के छिलके उतार रहा हो
हर एक ख़ाना-ए-वीराँ की तीरगी पे सलामहर एक ख़ाक-बसर, ख़ानुमाँ-ख़राब की ख़ैर
न जाने कितने ज़मानों से इस का हर रस्तामिसाल-ए-ख़ाना-ए-बे-ख़ानुमाँ था दरबस्ता
शायरी का ख़ानमाँ है नुत्क़ का लूटा हुआउस का शीशा है ज़बाँ की ठेस से टूटा हुआ
ख़ानमाँ-बर्बाद ऐ बाँग-ए-रहीलतू ने देखा है कभी
आवारा-ए-वतन हूँ गुम-कर्दा-ख़ानुमाँ हूँसहरा में मुद्दतों से में गर्द-ए-कारवाँ हूँ
बे-ख़ानुमाँ नाम-ओ-नसब,मातम-कुनाँ गिर्या-कुनाँ आँखें,
अज़ल से इस दिन का मुंतज़िर थाकि कब ये अम्बोह-ए-ख़ाकसाराँ
ये आँखें हैं कि कोई ख़ानमाँ-बर्बाद बस्ती हैमैं अब इन की हिफ़ाज़त कर नहीं सकती
चुनते हैं मकाँ फूँस के बे-ख़ानुमाँ कुछ लोगया घोंसले तिनकों के बनाते हैं परिंदे
कराचीएक ज़ख़्मी ख़ानमाँ-बर्बाद कछवा
मुहीत-ए-ग़ुर्बत-ए-बालीं है ख़ानुमाँ-सोज़ीकोई हबीब नहीं कोई ग़म-गुसार नहीं
खंडर में साँस लेता हैकोई बे-ख़ानुमाँ साया मुझे आवाज़ देता है
मता-ए-हस्ती-ए-बे-ख़ानुमाँ क्या हैज़मीं क्या है ज़माँ क्या है
तेरे ईमा से हज़ारों ख़ानमाँ-बर्बाद हैंतेरे वीराने में लाखों हसरतें आबाद हैं
उस पे खुलते ही नहीं ग़म बाद केअह्द-ओ-अस्र-ए-ख़ानमाँ-बर्बाद के
बर्क़-ओ-आतिश से हुआ बर्बाद जिस का ख़ानुमाँअब वो आगाह-ए-नवेद-ए-बज़्म-ए-जाँ होने को है
कचरे से चुन कर खाते बे-ख़ानुमाँ सय्यारोपेट का दोज़ख़ भरने को
नए मकान की तामीर-ए-नौ की फ़िक्र करोतबाह बिजलियों से ख़ानुमाँ हुआ सो हुआ
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