आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "ذریعہ"
नज़्म के संबंधित परिणाम "ذریعہ"
नज़्म
ये शेर-गोई है ख़ुद-कलामी का इक ज़रीया
इसी ज़रीये इसी वसीले से मैं ने ख़ुद से वो बातें की हैं
तारिक़ क़मर
नज़्म
मैं जिंसी खेल को सिर्फ़ इक तन-आसानी समझता हूँ
ज़रीया और है मा'बूद से मिलने का दुनिया में
मीराजी
नज़्म
जिस्म की लज़्ज़तों नफ़्स की शहवतों में भटकते रहें
सारे बे-आसरा ग़म-गज़ीदों को इबरत का ज़रिया समझ कर
आरिफ़ अख़्तर नक़वी
नज़्म
यूँ मैं ज़रीया बन जाती हूँ इंसान की मौत का
मुझे अपना ये किरदार हरगिज़ पसंद नहीं