आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "زیاد"
नज़्म के संबंधित परिणाम "زیاد"
नज़्म
फ़रस इब्न-ए-ज़ियादा के लिए उज़्व ज़ियादा है
सवारी वास्ते मुश्की हिरन ज़ंजीर करते हैं
मोहम्मद अनवर ख़ालिद
नज़्म
क्यूँ ज़ियाँ-कार बनूँ सूद-फ़रामोश रहूँ
फ़िक्र-ए-फ़र्दा न करूँ महव-ए-ग़म-ए-दोश रहूँ
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
वो सूद-ए-हाल से यकसर ज़ियाँ-काराना गुज़रा है
तलब थी ख़ून की क़य की उसे और बे-निहायत थी
जौन एलिया
नज़्म
हबीब जालिब
नज़्म
हत्ता कि अपने ज़ोहद-ओ-रियाज़त के ज़ोर से
ख़ालिक़ से जा मिला है सो है वो भी आदमी
नज़ीर अकबराबादी
नज़्म
बरतर अज़ अंदेशा-ए-सूद-ओ-ज़ियाँ है ज़िंदगी
है कभी जाँ और कभी तस्लीम-ए-जाँ है ज़िंदगी
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
गरचे मिल-बैठेंगे हम तुम तो मुलाक़ात के बा'द
अपना एहसास-ए-ज़ियाँ और ज़ियादा होगा