आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "سنگلاخ"
नज़्म के संबंधित परिणाम "سنگلاخ"
नज़्म
तीरा-ओ-तार ख़्वाहिश की संगलाख़ राहों पे चलते रहे
फिर भी राहों में कितने शगूफ़े खिले
मोहसिन नक़वी
नज़्म
उमैननुज़ ज़हरा सय्यद
नज़्म
कितनी आँखों को नज़र खा गई बद-ख़्वाहों की
ख़्वाब कितने तिरी शह-राहों में संगसार हुए
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नज़्म
कुछ दिनों गाँव की गलियों में उदासी होगी
कुछ दिनों खुल न सके होंगे तिरे हार सिंघार