आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "مطالعہ"
नज़्म के संबंधित परिणाम "مطالعہ"
नज़्म
वो जिन्हें मुझ से मोहब्बत भी है हमदर्दी भी है
मेरे इल्मी शौक़ को कहते हैं बे-कार-ओ-फ़ुज़ूल
अख़तर बस्तवी
नज़्म
सिगरेट ने ये इक पान के बीड़े से कहा
तू हमेशा से परी-रूयों के झुरमुट में रहा
सय्यद मोहम्मद जाफ़री
नज़्म
चीख़ें मेरे गिर्द हवा में तैरने लगी हैं
और मुझ से चीख़ बन जाने का मुतालबा करती हैं