आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "نا_بلد"
नज़्म के संबंधित परिणाम "نا_بلد"
नज़्म
शहर की सब से बड़ी होटल की छत को छू न सकने से ख़फ़ीफ़
ना-बलद टख़नों की कमज़ोरी से देव-ए-अस्र की
अब्दुल अहद साज़
नज़्म
रंग मिला जाता है लहू का अब अपने इन सपनों में
सोच रहे हैं शे'रों का लिखना हम क्यों न बंद करें
मोहम्मद अब्दूल बासित
नज़्म
तुझे मुफ़लिसी न पसंद थी तिरी राह-ए-स’ई न बंद थी
तिरी हिम्मत ऐसी बुलंद थी कि निसार उस पे थीं हिम्मतें