आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "आनंद"
नज़्म के संबंधित परिणाम "आनंद"
नज़्म
मशरिक़ का दिया गुल होता है मग़रिब पे सियाही छाती है
हर दिल सन सा हो जाता है हर साँस की लौ थर्राती है
आनंद नारायण मुल्ला
नज़्म
शहीद-ए-जौर-ए-गुलचीं हैं असीर-ए-ख़स्ता-तन हम हैं
हमारा जुर्म इतना है हवा-ख़्वाह-ए-चमन हम हैं