आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "आहंग-ए-नशात-आगीं"
नज़्म के संबंधित परिणाम "आहंग-ए-नशात-आगीं"
नज़्म
ताइरान-ए-बाग़ ने छेड़ा है साज़-ए-इम्बिसात
तेरे मक़्दम में है शाख़ों पर हम-आहंग-ए-नशात
सुरूर जहानाबादी
नज़्म
सुना है तुम ने अपने आख़िरी लम्हों में समझा था
कि तुम मेरी हिफ़ाज़त में हो मेरे बाज़ुओं में हो
जौन एलिया
नज़्म
मिरे सरकश तराने सुन के दुनिया ये समझती है
कि शायद मेरे दिल को इश्क़ के नग़्मों से नफ़रत है
साहिर लुधियानवी
नज़्म
रोज़-ए-रौशन जा चुका, हैं शाम की तय्यारियाँ
उड़ रही हैं आसमाँ पर ज़ाफ़रानी साड़ियाँ
मख़दूम मुहिउद्दीन
नज़्म
मोहब्बत जिस में लग़्ज़िश भी हुसूल-ए-कामरानी है
मोहब्बत जिस की हर काविश सुरूर-ए-जावेदानी है