आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "उतना"
नज़्म के संबंधित परिणाम "उतना"
नज़्म
उस की गर्दन के बहुत पास से गुज़रे हैं कई तीर मिरे
वो भी अब उतना ही हुश्यार है जितना मैं हूँ
गुलज़ार
नज़्म
जितना नापाक है तन उतना मिरा मन तो नहीं
क्यूँ ठिठकता है झिजकता है मैं नागन तो नहीं
इज़हार मलीहाबादी
नज़्म
छोटी सी है बात समझ लेना 'फ़रहान' ज़रूरी है
धरती से आकाश तलक हो उतना ज्ञान ज़रूरी है