आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "उमीद-वार"
नज़्म के संबंधित परिणाम "उमीद-वार"
नज़्म
वो तो हो जाता है मुँह में ले के रोटी को फ़रार
बाक़ी-माँदा फिर वही उमीद-वार उमीद-वार
सय्यद मोहम्मद जाफ़री
नज़्म
लिक्खा हुआ है क़िस्मत-ए-उम्मीद-वार में
''उड़ती फिरेगी ख़ाक तिरी कू-ए-यार में''
सय्यद मोहम्मद जाफ़री
नज़्म
क़हत उस पर क़त्ल-ओ-ग़ारत का ये आलम हाए हाए
हर तरफ़ है नाला-ओ-फ़रियाद-ओ-मातम हाए हाए
सरीर काबिरी
नज़्म
मौत ने रात के पर्दे में किया कैसा वार
रौशनी-ए-सुब्ह वतन की है कि मातम का ग़ुबार
चकबस्त बृज नारायण
नज़्म
सियाह रातों के बे अमाँ रास्तों पे छिटके हुए ये चेहरे
कि जैसे पतझड़ में बिखर गए हों