aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "क़त्ल-ए-हुसैन"
कभी नादिर ने क़त्ल-ए-आम कियाकभी महमूद ने ग़ुलाम किया
वादी-ए-चश्म के उफ़ुक़ से परेआँख महव-ए-तसव्वुरात-ए-हुसैन
जोश-ए-ईमान-ए-हुसैनजज़्बा-ए-अब्बास से हो सू-ए-मंज़िल गामज़न
सू-ए-हुसैन-इब्न-ए-अलीतुम बाग़ी ठहरे
क़त्ल-ए-बहाराँ क़त्ल-ए-बहाराँरूह परेशाँ जिस्म फ़िगाराँ जान पशेमाँ
क़त्ल-ए-इंसानियत न हो जाए
क़त्ल-ए-आम जारी हैअगले पड़ाव तक
बढ़ाएँ रंजिशें उन कीउकसाएँ लोगों को क़त्ल-ए-आम के लिए
क़त्ल-ए-आम का ख़तलश्कर गाहों का रक़्बा
वारदात-ए-क़त्ल-ए-ख़ूबाँ के हक़ाएक़और बयान-ए-ख़ल्क़-ए-बरहम
अपने ही हाथों सेक़त्ल-ए-मुसलसल में मसरूफ़ हूँ
क्यूँ न कुछ बोल ही लूँ मैं कि पस-ए-क़त्ल-ए-ज़बाँये तो अफ़्सोस न होगा कि ज़बाँ रहते हुए
ऐ नीम-जान-ओ-सोख़्ता-तनवादी-ए-क़त्ल-ए-अमाँ के बासियो
इन्ही से क़त्ल-ए-आम हुआ आशाओं काइन्ही से वीराँ उम्मीदों का गुलशन है
किसी कर्नल के क़त्ल-ए-आम से लश्कर नहीं रुकतेसलीबों से नहीं डरते
सजे तो कैसे सजे क़त्ल-ए-आम का मेलाकिसे लुभाएगा मेरे लहू का वावैला
तवील सदियों से क़त्ल-ए-इंसानियत का ये ख़ूँ-चकाँ तमाशाअब इस तमाशा को ख़त्म कीजे
वो अब क़ब्ल-ए-तारीख़ की बात है कौन जानेइधर से न जाओ
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