aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "चरागाह-ए-ग़ज़ालाँ"
ब-नाम-ए-शाहिद-ए-नाज़ुक-ख़यालाँब-याद-ए-मस्ती-ए-चश्म-ए-ग़ज़ालाँ
बहिश्त-ए-नज़र मुर्ग़-ज़ार-ए-ग़ज़ालाँहवा तेरी मौज-ए-मय-ओ-अंग्बीं है
उदास आँखों में कुछ वहशत-ए-ग़ज़ालाँ हैलबों पे शिकवा-ए-ख़ामोश रंज-ए-दौराँ है
पैवंद-ए-रह-ए-कूचा-ए-ज़र चश्म-ए-ग़ज़ालाँपाबोस-ए-हवस अफ़सर-ए-शमशाद-क़दाँ है
एक चराग़-ए-मुबीन
कभी रास्ते मेंचराग़-ए-तमन्ना
जब मेरे सब चराग़-ए-तमन्ना हवा के हैंजब मेरे सारे ख़्वाब किसी बेवफ़ा के हैं
चराग़-ए-दिल जलाने मेंअँधेरों को मिटाने में
वफ़ा की आग से रौशनचराग़-ए-तूर लिए
हीला-ए-परवेज़ हैदोहा चराग़-ए-सहर
चराग़-ए-मुफ़्लिस की तरह यारोसिसक रहा है
चराग़-ए-ख़ाना चराग़-ए-महफ़िलहर इक जगह मैं अयाँ हुई हूँ
चराग़-ए-ज़िंदगी अगरतो मिल कि हम बचाएँगे
किसी भी दरीचे मेंकोई चराग़-ए-मोहब्बत न था
मगर ये लम्हाचराग़-ए-हस्ती में लौ नुमा सा
चराग़-ए-'इश्क़ की लौ में सेदिन उभारता है
क्या पिन्हाए इन्हें कोई ज़ंजीरमुस्कुराई चराग़-ए-शाम की लौ
मेरी आँखों में कोई चेहरा चराग़-ए-आरज़ू
ये चरागह ये ठंडी ठंडी हवाये हरी घास और ये साया
इस अक़ूबत-कदा की सियाही मेंकितने चराग़-ए-तमन्ना जलाए
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