आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "जबीन"
नज़्म के संबंधित परिणाम "जबीन"
नज़्म
या नुमायाँ बाम-ए-गर्दूं से जबीन-ए-जिब्रईल
वो सुकूत-ए-शाम-ए-सहरा में ग़ुरूब-ए-आफ़्ताब
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
जबीन-ए-कज-कुलाही ख़ाक पर ख़म हम भी देखेंगे
मुकाफ़ात-ए-अमल तारीख़-ए-इंसाँ की रिवायत है
साहिर लुधियानवी
नज़्म
क़दम क़दम पे दे उठी है लौ ज़मीन-ए-रह-गुज़र
अदा अदा में बे-शुमार बिजलियाँ लिए हुए
फ़िराक़ गोरखपुरी
नज़्म
इक न इक दर पर जबीन-ए-शौक़ घिसती ही रही
आदमिय्यत ज़ुल्म की चक्की में पस्ती ही रही
असरार-उल-हक़ मजाज़
नज़्म
मजीद अमजद
नज़्म
आज भी अश्क-ए-ख़ूँ मिरा क़श्क़ा जबीन-ए-नाज़ का
आज भी ख़ाक-ए-दिल मिरी सुरमा-ए-चश्म-ए-गुल-रुख़ाँ
असरार-उल-हक़ मजाज़
नज़्म
कौन पढ़ पाएगा तहरीर-ए-जबीन-ए-शफ़्फ़ाफ़
कस को मल सकता है बे-वज्ह तग़ाफ़ुल का जवाज़