आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "जाना-पहचाना"
नज़्म के संबंधित परिणाम "जाना-पहचाना"
नज़्म
रस्ता ये जाना-पहचाना है कभी कभी ये अपना होता था
बरसों बरस तक इन पथ पर प्यार हमारा संजोता था
शहाब जाफ़री
नज़्म
बलराज कोमल
नज़्म
कौन यहाँ मेरी छाँव में मुझ से मुँह मोड़े बैठा है
रूप वही जाना पहचाना अंग में देसी ही गरमाई