आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "तक़ाज़ा-ए-तबीअत"
नज़्म के संबंधित परिणाम "तक़ाज़ा-ए-तबीअत"
नज़्म
न ढूँड पाई मुदावा-ए-ज़ख़्म-ज़ार-ए-तमन्ना
समझ सकी न तक़ाज़ा-ए-अहद-ए-तिफ़्ल-कुशी वो
शफ़ीक़ फातिमा शेरा
नज़्म
इस मोहब्बत को परस्तिश से बदलना भूल है
ये तक़ाज़ा ये तवाज़ुन इस दिल-ए-कामिल में है
अख़्तर हुसैन शाफ़ी
नज़्म
मर्द-ए-सरकश तुझे आदम की कहानी की क़सम
रूह-ए-इंसाँ के तक़ाज़ा-ए-निहानी की क़सम
असरार-उल-हक़ मजाज़
नज़्म
कहीं वो बाग़-ए-रिज़वाँ भी न इक हुस्न-ए-तबीअ'त हो
जिसे गर्दूं समझता हूँ वो इक मौहूम वुसअत हो
उबैदुर्रहमान आज़मी
नज़्म
निवेश साहू
नज़्म
ब-ईं इनआम-ए-वफ़ा उफ़ ये तक़ाज़ा-ए-हयात
ज़िंदगी वक़्फ़-ए-ग़म-ए-ख़ाक-नशीनां कर दे