आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "दम-ए-तहरीर"
नज़्म के संबंधित परिणाम "दम-ए-तहरीर"
नज़्म
सुब्ह-दम बाद-ए-सबा की शोख़ियाँ काम आ गईं
लाला-ओ-गुल को बग़ल-गीरी का मौक़ा मिल गया
सय्यदा शान-ए-मेराज
नज़्म
ज़िंदगी मुज़्मर है तेरी शोख़ी-ए-तहरीर में
ताब-ए-गोयाई से जुम्बिश है लब-ए-तस्वीर में
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
नक़्श फ़रियादी है इन की शोख़ी-ए-तहरीर का
म'अरका होता है अब तदबीर का तक़दीर का
सय्यद मोहम्मद जाफ़री
नज़्म
नक़्श-ए-फ़र्यादी है तेरी शोख़ी-ए-तहरीर का
काग़ज़ी है पैरहन हर पैकर-ए-तस्वीर का
मोहम्मद सादिक़ ज़िया
नज़्म
रात आती थी सुनाने सोज़ का पैग़ाम जब
मश्क़-ए-तहरीर-ए-जुनूँ बनता था तेरा नाम जब
मख़दूम मुहिउद्दीन
नज़्म
गुलशन-ए-याद में गर आज दम-ए-बाद-ए-सबा
फिर से चाहे कि गुल-अफ़शाँ हो तो हो जाने दो