aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "दरख़्वास्त"
ज़िंदगी के जितने दरवाज़े हैं मुझ पे बंद हैंदेखना हद्द-ए-नज़र से आगे बढ़ कर देखना भी जुर्म है
अफ़सर-ए-आला के ओहदे के लिएजिबरईल की दरख़्वास्त पर ग़ौर कर रहा है
क़र्ज़ की दरख़्वास्त की उलझी हुई तक़रीर मेंकपकपी आसाब की बेचैन दिल की लरज़िशें
तअ'ल्लुक़ इस तरह तोड़ा नहीं करतेकि फिर से जोड़ना दुश्वार हो जाए
सहाफ़ी से इस निज़ाम को बदलने की दरख़्वास्त कीमगर वो
लेकिन मैं उसे दरख़्वास्त करूँगावो मुझे एक नज़्म और लिख लेने दे
मैं उस से दरख़्वास्त करूँगावो मेरे ख़िलाफ़
नफ़रत की मशअ'लों को फ़ौरन बुझा के रख दोइन मशअ'लों की ज़द में आए अगर पतंगे
मैं अच्छा भला वर्कर हूँआप अच्छे ख़ासे मसरूफ़ रहनुमा
मगर अहाली मवाली फ़ौरन ही आदाब बजा लाएऔर तख़्त पर बैठने की दरख़्वास्त की
ख़्वाब-दर-ख़्वाब महल्लात के दर वा हैं कईऔर मकीं कोई नहीं है,
मेरे होने को तस्लीम कर लो तो आगे बढ़ींख़्वाब-दर-ख़्वाब बस एक ही ख़्वाब है
बिना पढ़ी चिट्ठियोंमायूस दरख़्वास्तों के एवज़
ख़्वाब-दर-ख़्वाब जलें लज़्ज़त-ए-इम्काँ के चराग़और मिल जाएँ सभी तिश्ना सवालों के जवाब
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