आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "दरिया-ए-नदामत"
नज़्म के संबंधित परिणाम "दरिया-ए-नदामत"
नज़्म
इस इश्क़ न उस इश्क़ पे नादिम है मगर दिल
हर दाग़ है इस दिल में ब-जुज़-दाग़-ए-नदामत
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नज़्म
वक़्त के बाब-ए-नदामत में निहाँ तहरीरें
उन को पढ़ लेते तो शायद न यूँ हैराँ होते
मोहम्मद अफ़सर साजिद
नज़्म
कुछ भी आँखों में नहीं अश्क-ए-नदामत के सिवा
कुछ भी दामन में नहीं दाग़-ए-मलामत के सिवा
क़ैसर-उल जाफ़री
नज़्म
उस प्रेम संदेसे को तेरे सीनों की अमानत बनना है
सीनों से कुदूरत धोने को इक मौज-ए-नदामत बनना है
आनंद नारायण मुल्ला
नज़्म
अमीक़ हनफ़ी
नज़्म
दास्तानें कि जिन्हें होंट न उन्वान मिले
गूँध कर अरक़-ए-नदामत में ब-सद-फ़न-कारी
मोहम्मद ज़ुबैर ख़ालिद
नज़्म
और उस के साथ एक दर्द-ए-नदामत ही वजह-ए-मुआफ़ी है
इस तरह पेश-बीनी रिवायात और मस्लहत के मुनाफ़ी है
जमीलुद्दीन आली
नज़्म
हिन्दोस्तान है इक दरिया-ए-हुस्न-ए-क़ुदरत
और उस में पंखुड़ी है तू ख़ुशनुमा कँवल की