आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "दिल-ए-बिस्मिल"
नज़्म के संबंधित परिणाम "दिल-ए-बिस्मिल"
नज़्म
कभी अंदेशा-ए-फ़र्दा से मुँह डाला गरेबाँ में
कभी दिल से सुना अफ़्साना-ए-फ़ितरत गुलिस्ताँ में
बिसमिल देहलवी
नज़्म
मुझे तेरे तसव्वुर से ख़ुशी महसूस होती है
दिल-ए-मुर्दा में भी कुछ ज़िंदगी महसूस होती है
कँवल एम ए
नज़्म
रहा करता है अहल-ए-ग़म को क्या क्या इंतिज़ार इस का
कि देखें वो दिल-ए-नाशाद को कब शाद करते हैं
राम प्रसाद बिस्मिल
नज़्म
किसी को देख ही सकता नहीं है मुश्किल में
ये बात क्यूँ है कि रखता है दर्द वो दिल में
बिस्मिल इलाहाबादी
नज़्म
सूरत-ए-तस्वीर चुप 'बिस्मिल' हुए ये बोल कर
हुस्न की दुनिया है देखो दीदा-ए-दिल खोल कर
बिस्मिल इलाहाबादी
नज़्म
यूँ फ़ज़ाओं में रवाँ है ये सदा-ए-दिल-नशीं
ज़ेहन-ए-शाइर में हो जैसे इक अछूता सा ख़याल