आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "बूटा"
नज़्म के संबंधित परिणाम "बूटा"
नज़्म
रंग बिरंगी चिड़ियाँ अब छेड़ें ऐसी क़व्वाली
पत्ता पत्ता बूटा बूटा ताल में देवे ताली
राजा मेहदी अली ख़ाँ
नज़्म
काहे दिल के वीराने में चाहत का इक अंकुर फूटा
झोंका एक हवा का आया पल में उखड़ा जड़ से बूटा
सदा अम्बालवी
नज़्म
ये खेप जो तू ने लादी है सब हिस्सों में बट जावेगी
धी पूत जँवाई बेटा क्या बंजारन पास न आवेगी