aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "बे-आस"
नाकामियों का माराबे-आस बे-सहारा
जो सदियों केबेचैन बे-आस ख़्वाबों के बदले
न बे-आस लम्हों की सरगोशियाँ हैंकि नाज़ुक हरी बेल को
हवाओं में मिरी ख़ुशबू कभी महसूस करते होकभी बे आस हो कर फिर ज़मीं पर बैठ जाते हो
बेचैन हैं बे-ताब हैं बे-आस हैं बेकललहरा दे ज़रा आ के तू उम्मीद का आँचल
ऐसा भी नहीं कि मुझे ज़िंदगी के पेड़ के पासबे-आस और बे-सहारा छोड़ दिया गया हो
ये बात अजीब सुनाते हो वो दुनिया से बे-आस हुएइक नाम सुना और ग़श खाया इक ज़िक्र पे आप उदास हुए
उस को सब कुछ मिला जिस को वो मिल गएवो हैं बे-आस की आस निर्धन के धन
बे-आब-ओ-गियाह बाँझ धरतीमुझ से ये सवाल कर रही है
कौन है जो बे-आस है जीतागो कि बहुत बंदे हैं पुर-अरमाँ
नक़्श-बर-आब है वाबस्तगी-ए-हुस्न-ओ-शबाबनिकहत-ए-गुल की तरह इश्क़ है पाबंद-ए-हवा
बस आप की दीद की ख़ातिर अब
आसमान टूटा हैजान पर बन आई है
बे-आब सिसकते मत छोड़ोसब नोच लो
बे-आब हो चुके हैंमैं जानती हूँ
इतना बड़ा गहरे सायों भराथोड़ा बे-आब
दुखियाओं की सेवा करनाबे-आसों को आस दिलाएँ
ज़िंदगी ख़्वाब नहींनक़्श-बर-आब नहीं
जंगल जंगल सब्ज़ा लहकादहक़ाँ की उम्मीद बर आई
बन आह लख़्त-ए-आदमअल्मास का तू टुकड़ा
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