आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "बे-ऐब"
नज़्म के संबंधित परिणाम "बे-ऐब"
नज़्म
फिर तस्वीरें बोलेंगी और दाद हुनर की पाएँगी
या फिर ऐब की तोहमत ले कर बे-क़ीमत बिक जाएँगी
अशफ़ाक़ आमिर
नज़्म
दिन-भर कॉफ़ी-हाउस में बैठे कुछ दुबले-पतले नक़्क़ाद
बहस यही करते रहते हैं सुस्त अदब की है रफ़्तार
हबीब जालिब
नज़्म
मोहब्बत के नशे से हर घड़ी सरशार रहता है
वही दिल-शाद दुनिया में बस ऐ 'मुख़्तार' रहता है
मुख़्तार टोंकी
नज़्म
दुनिया तो ये कहती है बहुत मुझ में हुनर है
मैं चाहूँ तो दुनिया को चमन-ज़ार बना दूँ