आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "मस्लक"
नज़्म के संबंधित परिणाम "मस्लक"
नज़्म
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नज़्म
अपनी ग़ैरत बेच डालीं अपना मस्लक छोड़ दें
रहनुमाओं में भी कुछ लोगों का ये मंशा तो है
साहिर लुधियानवी
नज़्म
शहनाज़ परवीन शाज़ी
नज़्म
न इस का कोई मस्लक है न इस का कोई मज़हब है
दिल-ए-हर्स-ओ-हवस में बन के रहती है ये चिंगारी