आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "मुहंदिस"
नज़्म के संबंधित परिणाम "मुहंदिस"
नज़्म
जैसे मुफ़्लिस की जवानी जैसे बेवा का शबाब
ऐ ग़म-ए-दिल क्या करूँ ऐ वहशत-ए-दिल क्या करूँ
असरार-उल-हक़ मजाज़
नज़्म
अपनी हिम्मत है कि हम फिर भी जिए जाते हैं
ज़िंदगी क्या किसी मुफ़लिस की क़बा है जिस में
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नज़्म
जिस के परवानों में मुफ़्लिस भी हैं ज़रदार भी हैं
संग-ए-मरमर में समाए हुए ख़्वाबों की क़सम
शकील बदायूनी
नज़्म
तुम अपने प्यार को रुस्वा करो न रो रो कर
तुम्हारा प्यार मुक़द्दस है बाइबल की तरह
कफ़ील आज़र अमरोहवी
नज़्म
तअ'ज़ीम जिस की करते हैं तो अब और ख़ाँ
मुफ़्लिस हुए तो हज़रत-ए-लुक़्माँ किया है याँ
नज़ीर अकबराबादी
नज़्म
मुहव्विस ने ये पानी हस्ती-ए-नौ-ख़ेज़ पर छिड़का
गिरह खोली हुनर ने उस के गोया कार-ए-आलम से
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
भूक और प्यास से पज़-मुर्दा सियह-फ़ाम ज़मीं
तीरा-ओ-तार मकाँ मुफ़लिस ओ बीमार मकीं
साहिर लुधियानवी
नज़्म
वो महव-ए-ख़्वाब जब होती थी अपने नर्म बिस्तर पर
तो उस के सर पे मर्यम का मुक़द्दस हाथ होता था