आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "मौज़ू-ए-गुफ़्तुगू"
नज़्म के संबंधित परिणाम "मौज़ू-ए-गुफ़्तुगू"
नज़्म
पढ़ी-लिक्खी हों या अन-पढ़ यहाँ दोनों बराबर हैं
जो मौज़ू-ए-सुख़न सुनिए तो कपड़े और ज़ेवर हैं
सय्यदा फ़रहत
नज़्म
आम मौज़ू-ए-सुख़न में भी अयाँ लहजा-ए-ख़ास
ज़ेहन की बात में भी दिल की धमक का एहसास