aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "रिश्तों"
कि मेरी जान मेरे दिल से रिश्ता खो नहीं सकतीनशा चढ़ने लगा है और चढ़ना चाहिए भी था
न दुनिया का ग़म था न रिश्तों के बंधनबड़ी ख़ूबसूरत थी वो ज़िंदगानी
कच्चे-पक्के रिश्तों की ख़ुश्बू का रेशमखुल जाएगा
रिश्तों के बंधनइस रस्ते पर चलने वाले
इतिहास में राखी है रिश्ता भाई बहनों काहवाला इस में पोशीदा है सदियों के रिश्तों का
मैं ने जज़्बों का तसद्दुक़ व भरम रक्खा हैमेरी ही ज़ात से मंसूब हर इक रिश्ता है
जो रिश्तों को बरतने के कई नुस्ख़े बताती थींमोहल्ले में कोई मर जाए तो आँसू बहाती थीं
कि अब सब भूल जाओ तुमनए रिश्ते बनाओ तुम
न रिश्ता-ए-वफ़ा पे ज़िदन ये कि इज़्न-ए-आम हो
मैं जिस्म ओ जाँ के तमाम रिश्तों से चाहता हूँनहीं समझता कि ऐसा क्यूँ है
ख़्वाबों में, ख़्वाहिश मेंरिश्तों में घिर चुकी है
इन रिश्तों के जो छूट गएइन सदियों के यारानों के
मेरे सारे रिश्तों मेंपड़ी सारी दराड़ों से
कई बरसों के रिश्तों कोपलों में
जाना गया न मुझ को कभी मेरे नाम सेरिश्तों में मुझ को बाँधा गया एहतिमाम से
रिश्तों का फैला बन-बास हैफिरना है मुझे अभी
वो इक वजूद जो रिश्तों में खो गया है कहींउसी वजूद को फिर से कहाँ तलाश करूँ
मोहब्बत बे-निशाँ रिश्तों को भी पहचान देती हैमोहब्बत अक़्ल भी है
गवाहरिश्तों के मोहतरम कुंडलियों में बैठे
उधड़े हुए रिश्तों के जामे सिए हुए तुममुझ में आन समाए
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