आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "रुत"
नज़्म के संबंधित परिणाम "रुत"
नज़्म
इक रोज़ मगर बरखा-रुत में वो भादों थी या सावन था
दीवार पे बीच समुंदर के ये देखने वालों ने देखा
इब्न-ए-इंशा
नज़्म
जो ख़ुश हैं वो ख़ुशी में काटे हैं रात सारी
जो ग़म में हैं उन्हों पर गुज़रे है रात भारी