आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "हराम-ज़ादे"
नज़्म के संबंधित परिणाम "हराम-ज़ादे"
नज़्म
सचिन देव वर्मा
नज़्म
वो अपने जिस्म का और हुस्न का जादू जगाती है
हरीम-ए-नाज़ को बद-ज़ातों से आबाद करती है
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "हराम-ज़ादे"
वो अपने जिस्म का और हुस्न का जादू जगाती है
हरीम-ए-नाज़ को बद-ज़ातों से आबाद करती है