आपकी खोज से संबंधित
परिणाम ".jowd"
नज़्म के संबंधित परिणाम ".jowd"
नज़्म
फ़र्ज़ करो ये जी की बिपता जी से जोड़ सुनाई हो
फ़र्ज़ करो अभी और हो इतनी आधी हम ने छुपाई हो
इब्न-ए-इंशा
नज़्म
जोहद-ए-हस्ती की कड़ी धूप में थक जाने पर
जिस की आग़ोश ने बख़्शा है मुझे माँ का ख़ुलूस
मुस्तफ़ा ज़ैदी
नज़्म
नहीं हो तुम मगर वो चाँद तारे याद आते हैं
मिरी नज़रों से ओझल अब मक़ाम-ए-जोहद-ए-हस्ती है
शौकत परदेसी
नज़्म
मैं ने अपने ज़ख़्मों पर ख़ुद पट्टी बाँधी
मैं ने अपने टूटे दिल के हर टुकड़े को ठीक तरह से जोड़ लिया है
बालमोहन पांडेय
नज़्म
हक़ तो ये है कि ख़ुशामद से ख़ुदा राज़ी है
प्यार से जोड़ दिए जिस की तरफ़ हाथ जो आह