आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "Gul-labo.n"
नज़्म के संबंधित परिणाम "Gul-labo.n"
नज़्म
सर्द रातों का हसीं इक ख़्वाब है चेहरा तिरा
क्या कहूँ बस मंज़र-ए-नायाब है चेहरा तिरा
जय राज सिंह झाला
नज़्म
जिगर मुरादाबादी
नज़्म
सुब्ह के रंगीं लबों पर है तबस्सुम की झलक
गुल मताअ'-ए-ज़र निछावर करते हैं कलियाँ महक