aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "KHabar liyaayaa hai hud hud mere taiin us yaar e jaanii kaa"
मेरा इक शख़्स खो गया है कहींउस की सूरत है हू-ब-हू मुझ सी
हवा सर्द हैरास्ते का दिया ज़र्द है
इक दिन पार्क की बेंच पे यूँहीक्या जाने क्या सोच के तुम ने
मैं जब उस शहर का क़स्द करता हूँतुम्हारी आँखें मेरा रस्ता रोक लेती हैं
वक़्त की दलदल में धंसता जा रहा हूँमेरे चारों ओर गदली लजलजी यादों की तह है
ऐ हसीं चाँद सितारोंमिरी आवाज़ सुनो
मैं एक गोश्त का लोथड़ा थीजिसे कुछ ख़बर न थी
उस रोज़ मौसम-ए-ख़िज़ाँ की पहली बारिश हुईजब उस ने मेरे दर से आख़िरी बार क़दम निकाला
मेरे घर के आँगन मेंये पेड़ घनेरा कैसा है
रोज़ इस आस पे दरवाज़ा खुला रखता हूँशायद आ जाए वो चुपके से कभी उस जानिब
उस ने मेरे हाथ में बाँधाउजला कंगन बेले का
वो लड़की हर पहेली बूझ लेती हैउसे हर मुअ'म्मा हल करना आता है
कितनी दफ़ा तोबढ़ा, रुका मैं उस की जानिब
रेलवे-लाइन स्टेशन सेमेरे दिल तक आती है
मैं हसीं हूँ मगरइस क़दर भी नहीं
कई सर-ज़मीनें सदा दे रही हैं कि आओकई शहर मेरे तआक़ुब में हैं चीख़ते हैं न जाओ
ऐ ताइर-ए-तमन्नाइक दूसरे की ख़ातिर
रस भरा लम्हान जाने किन कठिन राहों से हो कर
मुझे विटनेस बॉक्स में तलब किया जा चुका थामक़्तूल के वुरसा
मैं शायद तुम को यकसर भूलने वाला हूँशायद जान-ए-जाँ शायद
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