aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "aable"
सैकड़ों साल की तब्लीग़ के चालीस समरकश्ती बन जाए तो तन्नूर से पानी उबले
शहद-ओ-गंदुम से ज़ुरूफ़ उबले हुएतख़्त-ओ-ताज-ओ-मोहर-ए-शाही के निगहबाँ
इन रागनियों के भँवर भँवर में सदहा सदियों घूम गईंइन क़रन-आलूद मसाफ़त में लाख आबले फूटे दीप बुझे
रक़्स कर के मुझे आबले देने वाली मिरी जाँतू मिरी कौन है???
ग़मों की गर्द मुझे कि रही है चूम के मैंनिढाल पैर तिरे आबले गिनूँ सारे
मेरे बदन पर रोज़ नए आबले पड़ते हैंमेरी आँखें गर्म सलाख़ों से दाग़ी जाती हैं
हर तरफ़ फैला हू का आलम हैआबले पड़ गए हैं तलवों में
और अब तो गटर की तरहउबले पड़े ट्रैफ़िक के इस तअ'फ़्फ़ुन-ज़दा हुजूम में
नंगे पाँव में फूटे हुए आबले जब सिसकने लगेहोंट पानी की ख़ातिर बिलकने लगे
कि सर्दी में वो गोले गंडे रखेतो गर्मी में वो उबले अंडे रखे
टेबल पर मिट्टी की प्लेट में उबले आलू की ख़ुश्बूआलू की ख़ुश्बू में भीगा कोमल हाथ
नूर उबले कभी फ़व्वारों मेंऔर नुक़्ते में सिमट आए कभी
शौक़ का हाथ पकड़े निकल आई थी कामराँपाँव में आबले
पीतल के ऐशट्रे में पड़ेहोंटों की हिद्दत से उबले
नाचने लगती है दुनिया दिल गीत सुनाता हैबंजर धरती से उबले पड़ते हैं नूर के चश्मे
गुम्बद से ये लगते हैंउबले हुए अंडे हैं
अनगिनत आबलेपाँव में पड़ गए
इक थके-हारे मुसाफ़िर के क़दम टूट गएआबले पाँव के मंज़िल के क़रीं फूट गए
ये आबलेये ख़ामुशी
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