आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "adle-kaa-badlaa"
नज़्म के संबंधित परिणाम "adle-kaa-badlaa"
नज़्म
मरने वालों की शबीहें जम गईं होती हैं
ताकि होने वाले मक़्तूल उन का बदला ले सकें
नसरीन अंजुम सेठी
नज़्म
ज़माने का बदला हुआ सा कुछ अंदाज़ है
काएनात इक अजब भेद से पुर कोई दिलरुबा है
शहज़ाद अंजुम बुरहानी
नज़्म
लेंगे जल्द उन से हम इस जौर-ओ-जफ़ा का बदला
दिल में ख़ुश हों न बहुत हम को सताने वाले
अहमक़ फफूँदवी
नज़्म
परिंदे ख़ुद चला कर गाड़ियाँ जाएँ जहाँ चाहें
और हाथी उड़ते फिरने को बड़ा सा पँख लगवाएँ