आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "afsurda"
नज़्म के संबंधित परिणाम "afsurda"
नज़्म
तुझ से खेली हैं वो महबूब हवाएँ जिन में
उस के मल्बूस की अफ़्सुर्दा महक बाक़ी है
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नज़्म
पत्ता पत्ता मिरे अफ़्सुर्दा लहू में धुल कर
हुस्न-ए-महताब से आज़ुर्दा नज़र आने लगा
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नज़्म
गुल हुई जाती है अफ़्सुर्दा सुलगती हुई शाम
धुल के निकलेगी अभी चश्मा-ए-महताब से रात
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नज़्म
सर्दी-ए-मरक़द से भी अफ़्सुर्दा हो सकता नहीं
ख़ाक में दब कर भी अपना सोज़ खो सकता नहीं
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
वुसअतें मैदान की सूरज के छुप जाने से तंग
सब्ज़ा-ए-अफ़्सुर्दा पर ख़्वाब-आफ़रीं हल्का सा रंग
जोश मलीहाबादी
नज़्म
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नज़्म
शायर की नवा हो कि मुग़न्नी का नफ़स हो
जिस से चमन अफ़्सुर्दा हो वो बाद-ए-सहर क्या!
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
अभी इक साल गुज़रा है यही मौसम यही दिन थे
मगर मैं अपने कमरे में बहुत अफ़्सुर्दा बैठा था
ख़लील-उर-रहमान आज़मी
नज़्म
यादों के बे-म'अनी दफ़्तर ख़्वाबों के अफ़्सुर्दा शहाब
सब के सब ख़ामोश ज़बाँ से कहते हैं ऐ ख़ाना-ख़राब
अख़्तरुल ईमान
नज़्म
नून मीम राशिद
नज़्म
मगर दूर एक अफ़्सुर्दा मकाँ में सर्द बिस्तर पर
कोई दिल है कि हर आहट पे यूँ ही चौंक जाता है
साहिर लुधियानवी
नज़्म
हुस्न जब अफ़्सुर्दा फूलों की तरह पामाल था
जब मोहब्बत का ग़लत दुनिया में इस्ति'माल था