aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "albelii"
कोई अलबेली ख़ुशबू बाल खोले मुस्कुराती हैवो लड़की याद आती है
नज़र झुकाए उरूस-ए-फ़ितरत जबीं से ज़ुल्फ़ें हटा रही हैसहर का तारा है ज़लज़ले में उफ़ुक़ की लौ थरथरा रही है
'राशिद' ओ 'मीरा-जी' की अलबेलीशोख़-अदा राज़दान है उर्दू
कि माली की हर इक गाली हर इक पत्थरअकेली मारवी ही के लिए मख़्सूस था क्यूँकर
अपनी उँगलियाँ उलझा रहा थाएक अलबेली मसर्रत
धूप चमकीलीबारिश अलबेली होती है
इक अलबेली नई-नवेली दूध सी उजली लड़कीशीर ख़ोरमा और सिवइयाँ खाती खिलाती आई
यहाँ हर ज़ुल्म करने वाला आख़िर मुँह की खाता हैये हर वक़्त एक अलबेली दुल्हन की मिस्ल
लिख डाली हैअलबेली किरनें रोज़ सुब्ह चुपके से उस पर चढ़ जाती हैं
इक अलबेली पगडंडी हैउफ़्तां ख़ेज़ाँ गिरती पड़ती नदी किनारे उतरी है
अलबेली थीभोले-भाले
अलबेली उस की शान हैसाँचे रतन की चौकड़ी
मेरी अलबेली उदासी मस्त सन्यासी भटकती फिर रही है शहर-शहरबन के इक बेज़ार भूत
डोलती साँस आएगी अलबेली दुल्हन की तरह लजातीये फूल और ख़ुशबू मिरे रास्ते के हैं साथी
अलबेली शरमाएरसिया
अलबेली बल खाती इठलातीजब गर्म हवा के झोंकों से
अपने ही वतन में हूँ मगर आज अकेलीउर्दू है मिरा नाम मैं 'ख़ुसरव' की पहेली
सुब्ह ने सेज से उठते हुए ली अंगड़ाईओ सबा! तू भी जो आई तो अकेली आई
फ़र्ज़ तो मुझ को निभाना है मगरदेख कि कितनी अकेली हूँ मैं!
बहुत अपना अंदाज़ था ला-उबालीकभी थे जलाली कभी थे जमाली
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