आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "baa.njh"
नज़्म के संबंधित परिणाम "baa.njh"
नज़्म
ख़ुदावंद मुझे तौफ़ीक़ दे मैं ऐसे ज़िंदा लफ़्ज़ लिक्खूँ
जो न लिक्खूँ मैं तो दुनिया बाँझ हो जाए
इफ़्तिख़ार आरिफ़
नज़्म
ज़िंदगी राहत-ए-जाँ दर्द दिल-ए-ज़ार भी है
बाँझ खेती भी है और किश्त-ए-गुहर-बार भी है