आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "bazm-e-jahaa.n"
नज़्म के संबंधित परिणाम "bazm-e-jahaa.n"
नज़्म
जिन की निगाहों से थी शोरिश-ए-बज़्म-ए-जहाँ
मौत की आग़ोश में आज हैं वो महव-ए-ख़्वाब
ज़फ़र अहमद सिद्दीक़ी
नज़्म
या इलाही देश में अम्न-ओ-अमाँ क़ाएम रहे
रक़्स-ए-हस्ती के लिए बज़्म-ए-जहाँ क़ाएम रहे
कौसर सिद्दीक़ी
नज़्म
कि ज़र्रा-ज़र्रा है बज़्म-ए-जहाँ का महरम-ए-कैफ़
बहार बन के चली आ कि जा रही है बहार
सय्यद आबिद अली आबिद
नज़्म
बज़्म-ए-अंजुम की हर एक तनवीर धुँदली हो गई
रख दिया नाहीद ने झुँझला के हाथों से सितार
इब्न-ए-सफ़ी
नज़्म
तिफ़्ल-ए-बाराँ ताजदार-ए-ख़ाक अमीर-ए-बोस्ताँ
माहिर-ए-आईन-ए-क़ुदरत नाज़िम-ए-बज़्म-ए-जहाँ
जोश मलीहाबादी
नज़्म
फ़ैज़ से तेरे ही है उर्दू का ये हुस्न-ए-जमाल
तेरे बाइ'स ही बनी वो रौनक़-ए-बज़्म-ए-जहाँ
जयकृष्ण चौधरी हबीब
नज़्म
ये तीरा बज़्म-ए-जहाँ ये शिकस्त-ए-क़ल्ब-ओ-नज़र
महल बनाए हैं क़ारूनियों ने लाशों पर
अफ़सर सीमाबी अहमद नगरी
नज़्म
ऐ कि तेरी ज़ात से है रौनक़-ए-बज़्म-ए-जहाँ
ऐ कि हस्ती है तिरी सरमाया-दार-ए-कुन-फ़काँ