aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "be-kaar-mabaash"
बे-कारगुमड़ी मारे हुए
खड़ी बे-कार सी झाड़ीकोई गुमनाम नदी
हमारी अलमारी मेंबे-कार अल्फ़ाज़ के लिए
आज की रात भी बे-कार गुज़र जाएगी
लफ़्ज़ों को बे-कार न ख़ुर्चोलफ़्ज़ों से पुल
इक नफ़ी लर्ज़िश-ए-पैहम में सहीजोहद-ए-बे-कार के मातम में सही
जीने का बे-कार बहानाढूँड ही लूँगा
पलट आती थीतुझे बे-कार ख़ुदाओं पे यक़ीं
बे-कार होने के बावजूदउसे फेंकना नहीं चाहे
टूटी हुई बोतल की तरहबे-कार बे-मक़्सद
उँह बे-कार न इतराओमेरे अंदर का कोई
मेरे अहकाम हैंमौत का ख़ौफ़ बे-कार है
गर श्रधा मन में नहीं तोपूजना बे-कार है
वो बे-कार लड़कीउदासी में डूबी हुई चाँदनी में
ये गलियों के आवारा बे-कार कुत्तेकि बख़्शा गया जिन को ज़ौक़-ए-गदाई
सूरत से काम आने वालेअंदर से बे-कार हैं यारो
कड़ी आज़माइश है लेकिनचलो मुस्कुराने की बे-कार ख़्वाहिश जगाएँ
बे-कार गुज़ारूँ उम्र भलाक्यों अपने घर में पड़े पड़े
मिरा पिसना जलना और गुँधनाबे-कार गया मैं हार गई
क्या सोचते होऔर इस बे-कार तमाशे में
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books