aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "be-sabab"
यकायक और बज़ाहिर बे-सबबशाने पे उस ने हाथ क्या रख्खा
बे-सबब हँस दूँ बिगड़ भी जाऊँसब की नज़रों में ज़रूरी जो है
ये आँसू बे-सबब बनते नहीं हैंइन्हें तुम सिर्फ़ पानी कह के मत टालो
मौज़ू-ए-गुफ़्तुगू बदल देनाबे-सबब तो नहीं तिरी यादें
बे-सबबमायूसियाँ
बे-सबब हँसाते हैंबे-सबब रुलाते हैं
हैं कड़वाहट में ये भीगे हुए लम्हे अजब से कुछसरासर बे-हिसाबाना सरासर बे-सबब से कुछ
जीना हैबिला-वज्ह बे-सबब
और बे-सबब अक्सरशोर क्यों मचाते हैं
यूँही होता रहा हैबे-सबब होता रहेगा
ज़िंदगी की नरम नरम आहटेंबे-सबब यूँही मुस्कुराहटें
देखते रहते हो तुमबे-सबब आँखों से कब
जोड़ा है मगरबे-सबब साँस की कटती डोरी
कभी सोचा है तुम नेकि मेरे बे-सबब
ये इक दोहरी अज़िय्यत हैअज़िय्यत बे-सबब हँसने की
जैसे रह जाए कोई शयबे-सबब ही ढूँढती हूँ
सोच कर ये कि तुम सँभालोगेमैं कहीं बे-सबब न गिर जाऊँ
बे-सबब बुख़्ल फ़रावाँ-बख़्शीक़हत आलाम मसाइब के पहाड़
मैं तन के कूज़े मेंबे-फ़ैज़ बे-सबब सा हूँ
बे-सबब लोगों से याराना रहाऔर फिर तन्हा रहा बरसों तलक
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