aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "be-tah"
तह-ब-तह दिल की कुदूरतमेरी आँखों में उमँड आई तो कुछ चारा न था
दिल को बे-ताब रखती है इक आरज़ूकम है ये वुसअत-ए-आलम-ए-रंग-ओ-बू
तग़ारी सर पे धरे तर-ब-तर पसीने सेउठाए मामता का बोझ नौ महीने से
किसी की आँसुओं से तर-ब-तर दाढ़ी केकुछ टूटे हुए बाल
निकलने को बे-ताब होती हैमैं वो मोहमल सहीफ़ा हूँ
क़ब्ल अज़ीं कि ना-रसा इदराक सेतह-ब-तह होने न होने के
तह-ब-तह खोले रिदा ज़ुल्मत कीअपनी बेबाक निगाहों से मुनव्वर कर दे
तह-ब-तह बदलियाँकाली काली नज़र आईं सब वादियाँ
तह-ब-तह जमना भी है उन कोमगर आवाज़ की हल्की सी आहट भी नहीं आती
वो सब्ज़-ओ-शादाब टहनियों परगुलों की ख़ुशबू की गर्द तह-ब-तह जमी है
मछली की बूताश के पत्ते
आसमानों से उठती रहीं तह-ब-तह बदलियाँकाली काली नज़र आईं सब वादियाँ
मेरे लहू की चाँदनी से ख़्वाब की सूरत गुरेज़ाँतह-ब-तह तारीकियों में रौशनी की इक करन जैसे
और जैसे नींद केबे-ताब हलकोरे की ज़द में हैं
बे-ताब है देखोये नीला आसमाँ
तह-ब-तहज़ख़्म पर गर्द ही गर्द है
नीम-शब महताब की किरनों का वो अक्स-ए-जमीलतह-ब-तह पिघली हुई चाँदी है रश्क-ए-सलसबील
बे-सुर, बे-तालजान की अमान पाऊँ
उफ़ुक़ पे दर्द से लिखे हुरूफ़कब से हैं लहू में यूँ ही तर-ब-तर
झपकी गुज़रती हैबहुत कुछ तह-ब-तह खुलता चला जाता है पर्दे पर
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books